सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव एक भारतीय योग गुरु हैं जिन्हें उनकी शानदार शिक्षा, उनके विश्वव्यापी प्रभाव और उनके शांतिपूर्ण वाक्यों के लिए विश्वभर में जाना जाता है।
जग्गी वासुदेव ने योग के माध्यम से लोगों को दुनिया भर में अपने जीवन का मूल्य समझाया है। उनकी शिक्षाओं में शांति, समाधान और समझदारी के लिए मार्गदर्शन है।
सद्गुरु ने अपनी शिक्षा का उपयोग करके अनेक लोगों को उनकी समस्याओं का समाधान निकालने में मदद की है। उन्होंने एक आध्यात्मिक संगठन Isha Foundation की स्थापना की है, जो एक आश्रम और योग केंद्र संचालित करती है।
जग्गी वासुदेव का जन्म 3 सितंबर, 1957 को मैसूर, कर्नाटक में हुआ था। वह सद्गुरु के नाम से जाने जाते हैं और एक भारतीय योग गुरु और लेखक हैं। उन्होंने योग की शिक्षा सदर भारत में 1982 से दी है।
सद्गुरु ने 7 जनवरी 1992 में कोयंबटूर के पास ईशा फाउंडेशन की स्थापना की थी, जो एक आश्रम और योग केंद्र संचालित करती है । जो आध्यात्मिकता, शिक्षा और पर्यावरण में विभिन्न गतिविधियों में शामिल है।
जग्गी वासुदेव कई पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें से ‘इनर इंजीनियरिंग: एक योगी के खुशी के लिए गाइड’ (2016) शामिल है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिलेनियम विश्व शांति समिट, ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स, मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और इंटरनेशनल मैनेजमेंट डेवलपमेंट संस्थान में भाषण दिया है।
सदगुरु उर्फ जग्गी वासुदेव एक उच्च ज्ञान के अध्यापक होते हुए योग की महत्त्वपूर्ण शिक्षा देते हैं। उनकी शिक्षाओं में स्वास्थ्य, संतुलित जीवन और आध्यात्मिक विकास के लिए विशेष जानकारी शामिल होती है।
जग्गी वासुदेव ने 2007, 2017 और 2020 में वार्षिक विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) में भी भाग लिया है।
नाम [name} | सद्गुरु जग्गी वासुदेवदेव |
निक्कनेम [nickname] | जग्गी |
प्रोफेसन [profession] | सद्गुरु, स्प्रितुअल गाइड, आध्यात्मिक शिक्षक, लेखक |
शिक्षा [education] | इंजीनियरिंग |
जन्मतिथि [date of birth] | 3 सितंबर 1957 |
जन्मस्थान [birth place] | मैसूर, कर्नाटक, भारत |
राष्ट्रीयता [nationality] | भारतीय |
राशि [zodiac | कन्या |
वैवाहिक स्थिति [marital status] | विवाहित |
उम्र [age] | 65 वर्ष |
माता [mother] | सुशीला नायर |
पिता [father | डॉक्टर वसुदेव नायर |
पत्नी [wife] | विजया |
बेटी [daughter] | राधे जग्गी |
शौक [hobby] | ध्यान और धार्मिक अध्ययन, फिल्म देखना, संगीत सुनना, योग, ध्यान, गायन, यात्रा करना, नाचना |
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव का प्रारंभिक जीवन काल (Early Life of Sadhguru alias Jaggi Vasudev)
जगदीश वासुदेव जी का जन्म 3 सितंबर, 1957 को भारत के मैसूर में हुआ था। वे उत्तर कर्नाटक के एक छोटे से गांव में बड़े हुए थे। उनके पिता का नाम “डॉक्टर वसुदेव नायर” था और उनकी माँ का नाम “सुशीला नायर” था।
जगदीश वासुदेव जी के बचपन की घटनाओं से जुड़ी एक घटना है । जब वे अपनी माँ के साथ एक दरगाह पर गए थे। वहां वे एक आदमी से मिले जो उन्हें एक साधु के साथ मिलाया। जगदीश ने उस साधु से पहली बार जीवन का अर्थ समझना शुरू किया था और यही उनका आध्यात्मिक सफर शुरू हुआ।

वे अपने बचपन में बहुत अलग-अलग खेल खेलते थे जैसे शेरनी-बघ्गी, घोड़ा-दाखवड़, टाइगर-शेर, यातायात जैसे खेल इन्हें बहुत पसंद थे। उन्होंने अपने बचपन में एक घोड़े को खरीदा था जिसे वो खूब घुमाते थे। उन्होंने अपनी माँ से एक बार बड़े होने के बाद दुन
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव का परिवार व शिक्षा (Family and Education of Sadhguru aka Jaggi Vasudev)
सतगुरु उर्फ जगदीश वासुदेव के परिवार में माता-पिता और छह बच्चे थे। जगदीश वासुदेव के पिता विष्णु दत्त अनन्तराम वासुदेव एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे जो दक्षिण भारत में लोकप्रिय थे। उनकी माँ सुशीला वासुदेव एक अध्यापिका थी।
जगदीश वासुदेव की शिक्षा उनके परिवार की गुरुकुल तक थी। उन्होंने बाद में भारतीय संस्कृति, धर्म और ज्ञान का अध्ययन किया और संदर्भों को समझने के लिए विभिन्न भाषाओं का भी अध्ययन किया।
उनके परिवार में धार्मिक माहौल रहता था और उन्हें बचपन से ही योग, ध्यान और स्पिरिचुअलिटी से अवगत कराया गया था। इसके अलावा, जगदीश वासुदेव ने अपने पिता से अधिक से अधिक आयुर्वेद के ज्ञान का अध्ययन किया था।
जगदीश ने अपनी शुरुआती शिक्षा बेंगलोर के एक स्कूल में पूरी की और फिर उन्होंने इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की। बाद में उन्होंने वन शिकार के लिए एक साफारी कंपनी शुरू की जिससे वह बहुत लाभ उठाया।
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव को कब और कैसे मिला आत्मज्ञान (When and how did Sadhguru aka Jaggi Vasudev get enlightenment )
सदगुरु जग्गी वासुदेव ने अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण क्षण में आत्मज्ञान प्राप्त किया था। उन्होंने बताया है कि उन्हें एक रात नींद में एक भयंकर सांप का सपना आया था। सांप बहुत भयानक था और उन्हें लगता था कि वह जल्दी ही उन्हें काट लेगा। लेकिन उन्होंने ध्यान के द्वारा सांप को देखा और उसके मुख्य स्वभाव को समझा। उन्हें समझ में आया कि सांप उनके अंदर कुछ नहीं कर सकता था।
उन्होंने इस अनुभव से कुछ समझा था, लेकिन यह उनके लिए अभी भी पूरी तरह से समझ नहीं था। उन्होंने फिर एक तपस्या की शुरुआत की जिसमें वे निरंतर ध्यान और ध्येय के साथ रहते थे। उन्होंने उपासना, ध्यान और आध्यात्मिक अध्ययन के माध्यम से अपने अंदर की शांति और स्पष्टता को प्राप्त किया।

जगदीश वासुदेव के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना 1996 में हुई थी, जब उन्होंने दक्षिण भारत के कोयम्बटूर में एक महाशक्तिशाली तांत्रिक से मिला था। जगदीश वासुदेव का मन उस समय बहुत अधोरा था और उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य और मूल्यों के बारे में समझ नहीं था। उस तांत्रिक की संदेहास्पद भावनाओं ने उन्हें चौंका दिया और उन्हें धर्मिक खोज में उत्तेजित किया।
जगदीश वासुदेव की एक मुख्य घटना उनकी माँ की मृत्यु थी। उनकी माँ की मृत्यु के बाद वह गहन विचारों में डूब गए थे और उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य और ज्ञान की खोज में रुचि आई। उन्होंने बड़ी मेहनत करते हुए ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास किया
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव की अनगिनत यात्राएं (The Countless Journeys of Sadhguru aka Jaggi Vasudev)
सतगुरु जगदीश वासुदेव की यात्राएं विश्वभर में व्यापक हैं। उनके अधिकांश सत्संग और अन्य कार्यक्रम भारत में होते हैं, लेकिन उन्होंने दुनिया भर में कई देशों में भी सत्संग आयोजित किए हैं।
2019 में, सतगुरु जगदीश वासुदेव ने अमेरिका की यात्रा की, जिसमें वे अमेरिका के कई शहरों में सत्संग आयोजित करने के साथ-साथ विभिन्न मीडिया संस्थानों के साथ भी अपनी बातचीत की।
उनकी यात्राओं में अक्सर स्थानों के इतिहास, संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य का भी जिक्र किया जाता है। सतगुरु जगदीश वासुदेव की यात्राएं उनके अनुयायियों को धार्मिक तत्वों से जुड़ने का एक मौका भी प्रदान करती हैं।
सतगुरु उर्फ जगदीश वासुदेव ने अपने जीवन के दौरान विभिन्न देशों में यात्राएं की हैं। उन्होंने भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आफ्रिका, मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण एशिया, और अन्य देशों के कई शहरों में भी यात्राएं की हैं।
उन्होंने विभिन्न समारोहों और संस्कृति के महत्वपूर्ण स्थलों पर भी जाकर लोगों को धार्मिक उपदेश दिए हैं। 2018 में, उन्होंने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क सिटी में “इवन आउट ऑफ बॉक्स” नामक एक इवेंट का आयोजन किया जिसमें लगभग 30,000 से अधिक लोगों ने उनका विचार सुना था।

सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव शुरुआती व्यवसाय (Sadhguru aka Jaggi Vasudev Startup Business)
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ईशा फाउंडेशन के संस्थापक होने से पहले भी योग और ध्यान के प्रचार-प्रसार के लिए व्यस्त थे। उन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया था। उनका प्रयास लोगों को जीवन के उद्देश्य की खोज में मदद करने के लिए था। इसके अलावा, उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान तपस्या भी की थी जो उन्हें आध्यात्मिक विज्ञान में विशेषज्ञ बनाने में मदद करी थी।
जग्गी वासुदेव जी ने आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान के माध्यम से लोगों को उनके असली उद्देश्य की तलाश में मदद करने का काम किया है। उन्होंने अपने जीवन के अधिकांश समय को ध्यान और तपस्या में व्यतीत किया और उन्होंने यह सिद्ध कर लिया कि आध्यात्मिक विकास के लिए ध्यान एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण है। उन्होंने अपने साधना से प्राप्त आध्यात्मिक ज्ञान का उपयोग करके, उन्होंने योग और ध्यान का संदेश विश्व के लोगों तक पहुँचाया है।
कैसे व कब हुई सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव की चैरिटी ट्रस्ट की स्थापना (How and when Sadhguru alias Jaggi Vasudev’s charity trust was established)
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने 1982 में Isha Foundation की स्थापना की थी, जो ध्यान और योग को लोगों तक पहुँचाने के लिए बनाई गई थी। इस फाउंडेशन के माध्यम से, उन्होंने विभिन्न प्रकार के योग और ध्यान कार्यक्रमों का आयोजन किया और लोगों को उनके जीवन के उद्देश्य की खोज में मदद की।
सद्गुरु जी ने अधिकतम संतोष और जीवन की भरपूर खुशियों का अनुभव शिक्षा और सेवा के माध्यम से प्राप्त किया था, इसलिए उन्होंने 2004 में “Isha Vidhya” नामक एक चैरिटी ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट के माध्यम से, उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में असहयोगिता और स्वीकार्य शिक्षा की आवश्यकता को समझते हुए सामाजिक विकास के लिए एक प्रतिबद्धता जताई और स्कूल शिक्षा को जागरूक करने के लिए अधिक संसाधनों को प्रदान किए।
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव को मिले अवार्ड (Sadhguru aka Jaggi Vasudev receives award)
सदगुरु जग्गी वासुदेव को कई अवार्ड दिए गए हैं। निम्नलिखित उनके महत्वपूर्ण अवार्ड हैं:
1. पद्म श्री पुरस्कार – 2017
2. विवेकानंद सेवा पुरस्कार – 2017
3. फिलेटिस ज्योर्जी पुरस्कार – 2019
4. तमगो शांति पुरस्कार – 2019
5. नॉर्थ अमेरिकन इंटरफेस स्प्रिटुअलिटी पुरस्कार – 2019
सदगुरु जी को इनके अलावा भी कई अन्य सम्मान, पुरस्कार और सम्मेलनों में शामिल किया गया है।
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध काव्य रचना (Famous poetry written by Sadhguru alias Jaggi Vasudev)
सदगुरु जग्गी वासुदेव ने कई रचनाएं लिखी हैं जो उनके द्वारा उनकी वेबसाइट और बुक्स के माध्यम से उपलब्ध हैं।
1. Inner Engineering: A Yogi’s Guide to Joy (इनर इंजीनियरिंग: एक योगी का खुशी के लिए मार्गदर्शक)
2. Mystic’s Musings (मिस्टिक की विचारधाराएं)
3. Adiyogi: The Source of Yoga (आदियोगी: योग का स्रोत)
4. Encounter the Enlightened (अनुभव ज्ञानी के साथ)
5. Emotion and Relationships: A Yogic Perspective (भावना और संबंध: एक योगीय दृष्टिकोण)
6. Flowers on the Path (मार्ग पर फूल)
7. Himalayan Lust (हिमालयी अभिलाषा)
8. Of Mystics and Mistakes: A Journey Beyond Space and Time (मिस्टिक्स और गलतियों की कहानी: अंतरिक्ष और समय के बाहर एक यात्रा)
9. Shiva: The Ultimate Outlaw (शिव: अंतिम अपराधी)
इनके अलावा सदगुरु जी ने अन्य भाषणों, लेखों और व्याख्यानों का भी संग्रह किया हुआ है जो उनकी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध हैं।
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव पर लगे विवाद (Controversy over Sadhguru alias Jaggi Vasudev)
सदगुरु जग्गी वासुदेव एक विवादित व्यक्तित्व हैं और उन पर कई विवाद हुए हैं। निम्नलिखित हैं 3 ऐसे विवाद जिन्हें उन्होंने झेला है ।
1. संगठन के लिए धनराशि का व्यवहार: सदगुरु के ईशा योग केंद्र में दान और दक्षिणा के रूप में धन दान करने की अनुमति होती है, लेकिन कुछ लोगों का दावा था कि सदगुरु ईशा योग केंद्र से जुड़े अन्य संगठनों में भी धनराशि का असंवेदनशील व्यवहार करते हैं।
2. योग के नाम पर आयुर्वेदिक दवाओं का विज्ञापन: सदगुरु ने आयुर्वेदिक दवाओं के विज्ञापन करके लोगों को योग के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाया गया है।
3. सद्गुरु तब विवादों में आ गए थे जब उनकी पत्नी की “ईशा योग केंद्र” में मृत्यु हो गई थी और उस पर उनके माता-पिता ने दहेज उत्पीड़न का सामना करने के आरोप लगाए थे।
4. सद्गुरु अक्सर कई मुद्दो पर बोले जाने की वजह से लोगो के निशाने मे आ जाते है । जैसे CAA का मुद्दा , NRC का मुद्दा , और सरकार की रणनीति आदि ।
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव के लाइव कंसर्ट ( Live Concert of Sadhguru aka Jaggi Vasudev )
सदगुरु ने अपनी करियर में कई लाइव कंसर्ट किए हैं लेकिन उनके अब तक कुल कितने कंसर्ट हुए हैं इसकी जानकारी मुझे उपलब्ध नहीं है। हालांकि, उनका सबसे बड़ा इवेंट “महाशिवरात्रि” होता है जो कि भारत के कर्नाटक राज्य में आयोजित होता है। इस इवेंट में हजारों से लोग सदगुरु के सत्संग, मेडिटेशन, और स्पिरिचुअल अनुभव का आनंद लेते हैं।
आपका मतलब सदगुरु के लाइव शो से हो सकता है। सदगुरु ने अपने इंटरनेट पोर्टल “इशा ओनलाइन” के माध्यम से अन्य लाइव सत्संगों के साथ-साथ अपने लाइव शो भी आयोजित किए हैं। इन शो में वे भारत और विदेशों के लोगों से संवाद करते हैं और उनके सवालों के जवाब देते हैं। इन शो को इशा फाउंडेशन के यूट्यूब चैनल पर भी लाइव स्ट्रीम किया जाता है।

सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव का शारीरिक स्ट्रक्चर डाइट प्लान (Body Structure Diet Plan by Sadhguru aka Jaggi Vasudev)
सद्गुरु जग्गी वासुदेव की लंबाई करीब 5 फीट 9 इंच है और उनका वजन लगभग 70 किलोग्राम है। उनकी चौड़ाई लगभग 36 इंच होगी। उनकी ऊंचाई के विषय में जग्गी वासुदेव ने अपनी एक ट्वीट में बताया था कि वे 5 फीट 9 इंच के करीब हैं।
सदगुरु जग्गी वासुदेव एक फिटनेस एन्थूजियास्ट हैं और वे अपनी शारीरिक सेहत बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार का ध्यान रखते हैं। उनके डाइट प्लान में फल, सब्जियां, अनाज, और दूध जैसे स्वस्थ आहार शामिल होते हैं। वे नमक, चीनी, विटामिन सप्लीमेंट्स या प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उनका शारीरिक स्ट्रक्चर बहुत मजबूत होता है और उन्हें नियमित व्यायाम करने का बहुत शौक होता है।
सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव से जुड़े प्रमुख फैक्ट (Key facts related to Sadhguru aka Jaggi Vasudev)
- 6. सदगुरु उर्फ जग्गी वासुदेव ने 1983 में दक्षिण भारत में एक आध्यात्मिक संस्था शुरू की, जिसे “इशा फाउंडेशन” के नाम से जाना जाता है। यह संस्था आधुनिक जीवन में धार्मिक अर्थ की खोज में लोगों की सहायता करती है।
- 7. सदगुरु उर्फ जग्गी वासुदेव ने 2017 में अपनी बहुमुखी आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें इस सम्मान से भारत की सबसे उच्च सिविल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
- 1. सदगुरु उर्फ जग्गी वासुदेव एक आध्यात्मिक गुरु हैं जो आधुनिक जीवन में धार्मिक अर्थ की खोज में लोगों की मदद करते हैं।
- 2. उन्होंने विश्व धर्मों का अध्ययन किया है और अपने शिष्यों को संस्कृति, योग और ध्यान जैसी आध्यात्मिक अभ्यासों के माध्यम से उन्नति के मार्गदर्शन करते हैं।
- 3. सदगुरु उर्फ जग्गी वासुदेव को आध्यात्मिक ज्ञान के क्षेत्र में उन्नत गुरु में से एक माना जाता है।
- 4. उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम वैश्विक रूप से लोकप्रिय हैं और उनके शिष्य दुनिया भर में हैं।
- 5. उन्होंने बहुत से आध्यात्मिक ग्रंथों के अनुवाद किए हैं और उनकी वाणी को लाखों लोग प्रणाम करते हैं।
अंतिम शब्द (last word)
इस आर्टिकल में हमने सदगुरु उर्फ जग्गी वासुदेव के बारे में प्रमुख तथ्यों के बारे में जाना। उनकी अनगिनत गुणों, संघर्षों और आध्यात्मिक उत्साह की कहानी हमें प्रेरित करती है। यह उनकी शिक्षाओं और जीवन के लक्ष्य को समझने में मददगार साबित हो सकता है। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। धन्यवाद !
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FAQ…….
Sadhguru, अर्थात “सद्-गुरु” अपने स्थान भारत में एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु हैं। उनका जन्म 1957 में तमिलनाडु में हुआ था। सद्गुरु ने अपने जीवन के विभिन्न अंशों में बहुत सारे काम किए हैं, जैसे कि बचपन से ही उन्होंने योग और आध्यात्मिकता की दुनिया में अपना दिल लगाया। उन्होंने अपने जीवन में अनेक आध्यात्मिक संगठनों की स्थापना की हैं, जिसमें से सबसे लोकप्रिय Isha Foundation है।
इषा फाउंडेशन एक आध्यात्मिक संस्था है जो सद्गुरु द्वारा स्थापित की गई है। इस संस्था का उद्देश्य लोगों को आत्म-जागरूकता, स्वस्थ मन और शरीर तथा शांति और समृद्धि के लिए समर्पित करना है। इषा फाउंडेशन द्वारा कई सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि योग और मेडिटेशन के लिए कक्षाएं, सामाजिक कार्यों, स्वयंसेवा और पर्यावरण संरक्षण आदि।
Sadhguru, भारत में जन्मे हुए एक संत, योगी, गुरु और विचारक हैं। वे शिवा स्कूल ऑफ आइएशा और आध्यात्मिक संगठन इषा फाउंडेशन के संस्थापक हैं। उनके बहुत सारे वीडियो, बुक्स और टॉक शो उनके साझा ज्ञान और दृष्टिकोण के कारण उन्हें विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करते हैं।
Sadhguru के कई विशेषताएं हैं। वे एक प्रखर योगी हैं, जो योग और आध्यात्मिकता की गहराईयों में बहुत हद तक विशेषज्ञ हैं। उनकी अत्याधुनिक सोच और उनके नवीन उपाय लोगों को आकर्षित करते हैं। उन्हें शानदार भाषण देने की कला भी है जिससे वे लोगों के दिलों पर राज करते हैं। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे सामाजिक कार्यों का सम्बन्ध भी बनाया है ।