डॉक्टर कमल रणदिवे भारत की वह महिला हैं | जिन्होंने कैंसर और कुष्ठ रोग में विशेष प्रकार के शोध किए और 200 से भी अधिक शोध प्रकाशित किया | जिससे कैंसर शोध में मदद मिल सके | गूगल इस महान वैज्ञानिक की 104 दिवस मना रहा है | उस दिवस में गूगल ने गूगल डोंगल को उजागर किया है | डूडल भारत के गेस्ट आर्टिस्ट इब्राहिम रयिन्ताकथ द्वारा बनाया गया है | dr kamal ranadive biography in hindi के इस लेख मे आप इनसे जुड़े कुछ पहलू जान सकेंगे जैसे जीवनी,शोध, शिक्षा,सम्मान, परिवारिक जीवन, शादी. बच्चे, जब्म, म्रत्यु, क़ैसर रिसर्च इत्यादि |
कमल रणदिवे भारतीय महिला वैज्ञानिक संघ (IWSA) की प्रमुख संस्थापक सदस्य थीं। डॉ कमल जयसिंह रणदिवे को पद्म भूषण से जैसे महान सम्मान से सम्मानित किया गया था।
डॉक्टर कमल रणदिवे को दुनिया भर में अभूतपूर्व कैंसर अनुसंधान वह विज्ञान के क्षेत्र में अपने योगदान को देने वजह से जाना जाता है
इब्राहिम रयिन्ताकथ का कहना है कि मुझे गूगल डोंगल बनाने की प्रेरणा बीसवीं सदी में कर रही शोध एक महिला से मिली |
डॉ रणदिवे का जन्म 8 नवंबर 1917 को पुणे में हुआ | इनके पिता “दिनकर दत्तात्रेय समर्थ” बायोलॉजिस्ट थे उनकी माता शांताबाई ग्रहणी थी | इनके पिता वैज्ञानिक होने की वजह से वह भी चाहते थे कि उनके बच्चों को एक अच्छी शिक्षा मिले | वह मेरी तरह वैज्ञानिक बन सके | डॉक्टर कमल रणदिवे पढ़ाई में बहुत ही अच्छी और जुझारू किस्म की महिला थी |
उनका पढ़ाई के प्रति समर्थन को देखकर उनके पिता कमल को आगे भी पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे | डॉक्टर कमल रणदि वेअपनी शिक्षा के प्रति हमेशा समर्पित रही | उन्होंने विभिन्न कॉलेजों स्कूलों और शिक्षकों से ज्ञान ज्ञान प्राप्त करने लगी |
इनकी प्रारंभिक शिक्षा पुणे के एक हुजुरपागा एचएचसीपी हाई स्कूल से शुरू हुई | इसके पश्चात उन्होंने गर्ल्स कॉलेज में दाखिला लिया | वहां से विज्ञान विषय में स्नातक को किया | इसके पश्चात वह पुणे के एक कृषि कॉलेज में चली गई | वहां से 1943 मे मुख्य विषय के रूप में एनोनेसी के साइटोजेनेटिक्स मास्टर डिग्री को म एमएससी को किया
उन्होंने अपने मुख्य विषयों के रूप में वनस्पति विज्ञान और जूलॉजी के साथ फर्ग्यूसन कॉलेज में अपनी कॉलेज की शिक्षा शुरू की ।
सन 1949 में डॉक्टर कमल रणदिवे मुंबई चली गई | वहां पर इन्होंने मुंबई के कॉलेज से पीएचडी में दाखिला लिया और वहां से पीएचडी को समाप्त किया |
यहां उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री के लिए भी काम किया । उनके मार्गदर्शक वीआर खानोलकर बने |
डॉ कमल रणदिवे अपनी प्रारंभिक शिक्षा को पूरी कर चुकी हैं अब उन्होंने अपना जीवन शोध की तरफ मोड़ दिया |
नाम | डॉक्टर कमल रणदिवे |
जन्म | 8 नवंबर 1917 |
जन्म स्थान | पुणे महारास्ट्र |
पिता का नाम | “दिनकर दत्तात्रेय समर्थ” |
माता का नाम | शांताबाई |
शिक्षा | स्नातक ,पर्सस्नातक , phd ,mmca, विभिन्न प्रकार के शोध , रिसर्च , |
पति | जेटी रणदिवे |
बच्चे | अनिल जयसिंह |
एक महान वैज्ञानिक बनने का सफर ,संघर्ष, शोध { Journey to become a great scientist, struggle, research }
- कमल रणदिवे ने अपनी एक लैब स्थापित की | उस लैब में कैंसर ,कुष्ठ से संबंधित शोध को जारी किया | इस शोध में उनके सहयोगी जॉर्ज गे बने |
- उन्होंने आईसीआरसी (icrc) में शामिल हो गए और अपने आधिकारिक पद को संभालते हुए कार्य करने लगे |
- उन्होंने मुंबई प्रयोगशाला जीव विज्ञान उत्तक संस्कृति प्रयोगशाला की स्थापना मैं एक मुख्य किरदार के रूप में उभर कर सामने आई
- 1966 और 1970 में उन्होंने भारतीय कैंसर अनुसंधान केंद्र के एक पद को संभालने में कार्यरत रही |
- उन्होंने सेल बायोलॉजी और जानवर पैथोलॉजी पर भी काम किया | यह जानवरों में किस प्रकार कैंसर उत्पन्न होता है और वह कैसे फैलता है इस पर इनका विशेष ध्यान रहा |
- इन्होंने स्तन कैंसर पर हो रहे प्रभाव को काफी लंबे समय तक शोध किया | उस पर कई लेख भी प्रकाशित किया |
- इन्होंने अपने जीवन काल में 200 से भी अधिक कैंसर संबंधी शोध प्रकाशित किया जिसमें की जिसमें ट्यूमर और विभिन्न प्रकार के कैंसर रिसर्च शामिल है |

डॉक्टर कमल रणदिवे की उपलब्धियां, सम्मान { Achievements, honors of Dr. Kamal Ranadive }
- डॉक्टर कमल रणदिवे 1982 मे भारत के सर्वोच्च सम्मान से पद्मभूषण से सम्मानित है यह भारत का सर्वोच्च सम्मान है |
- उन्हे 1964 मे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान के प्रथम रजत पदक जयंती पुरस्कार से सम्मानित किया गया | इस पुरस्कार मे एक स्वर्ण पदक और 15,000 रुपये मिले { जो आज 930,000 या 12,000 आमेरकी डॉलर }
- डॉक्टर कमल रणदिवे जी को 1964 में माइक्रोबायोलॉजी में जी.जे.वाटुमुल फाउंडेशन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था |
- डॉक्टर कमल रणदिवे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक एमेरिटस मेडिकल साइंटिस्ट भी रही थीं
- डॉक्टर कमल रणदिवे जी को उनके 104वें जन्मदिन 8 नवंबर 2021 को Google डूडल से सम्मानित किया गया था
डॉ कमल रणदिवे का पारिवारिक जीवन [ family life }
कमाल जी ने 13 मई 1939 को गणितज्ञ जेटी रणदिवे से शादी की | और बॉम्बे चली गईं । उनका एक बेटा हुआ , जिसका नाम अनिल जयसिंह था।
डॉक्टर कमल रणदिवे की मृत्यु { Death of Dr. Kamal Ranadive }
डॉक्टर कमल रणदिवे भारत की वह महान महिला रही जिन्होंने भारत तथा दुनिया भर के लोगों की चिकित्सा में मदद की | इन्होंने कैंसर और कैंसर रिसर्च में अपना सारा जीवन व्यतीत कर दिया | इनके द्वारा कई शोध ऐसे हैं जिनसे कैंसर जैसे रोग को समछने मे मदद मिल सकी | इस महान डॉक्टर की मृत्यु 11 April 2001 (उम्र 84) मे हो गई |
अंतिम शब्द
हमें आशा है कि यह जीवन परिचय आपके जीवन मे विभिन्न परिस्थितियो मे एक मार्ग के रूप सामने आया है। आपने इस महान व्यक्ति के संघषो को जाना । जो की आपके व्यक्तित्व मे परिवर्तन के पर्याप्त है । हमे पूरी उम्मीद है की यह लेख आपके लिए मददगार शबीत हुआ होगा । धन्यबाद !
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FAQ……..
डॉक्टर कमल रणदिवे भारत की वह महिला हैं जिन्होंने कैंसर और कुष्ठ रोग में विशेष प्रकार के शोध किए और 200 से भी अधिक शोध प्रकाशित किया | यह भारत की एक वैज्ञानिक है जिन्होने कैसर,कुस्ठ,वह न्योरोलोगी मे विशेष योगदान दिया |
डॉक्टर कमल रणदिवे जी स्नातक , परास्नातक , phd और विभिन्न न्यरोलोगी शोध किए |
डॉ रणदिवे का जन्म 8 नवंबर 1917 को पुणे में हुआ |
इनके पिता नाम दिनकर दत्तात्रेय समर्थ है जोकि एक बयोलॉजी वैज्ञानिक थे और इनकी माता का नाम शांताबाई था
इनके पती का नाम जेटी रणदिवे है |